अध्यापक उस दीपक के समान है जो खुद जलकर दूसरों को प्रकाश देता है |

अध्यापक उस दीपक के समान है जो खुद जलकर दूसरों को प्रकाश देता है |

भाषण ( स्वतंत्रता दिवस )

भाषण

आदरणीय अध्यक्ष महोदय     सम्माननीय गुरुजनों   प्यारे भाई बहनों   और गांव से पधारे मोज्जिज मेहमानों      
  आज हम यहाँ इस महान राष्ट्रीय आयोजन को मनाने के लिए  इकट्ठे हुए हैं।    और मैं करीना आपके समक्ष     स्वतंत्रता दिवस के बारे में    अपने  उद्गार प्रकट करने जा रही हूँ , तव्वजोह  चाहूंगी |
 जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्वतंत्रता दिवस     हम सभी के लिए एक शुभ अवसर है।       भारत का स्वतंत्रता दिवस    सभी भारतीय नागरिकों के लिए  सबसे महत्वपूर्ण दिन है      यह वह दिन है जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा    कठोर संघर्ष के कई वर्षों के बाद     हमें ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली थी ।     हम हर साल 15 अगस्त को    भारत की आजादी के पहले दिन को याद रखने के साथ ही     महान देशभक्तो  के बलिदानों को याद करने के लिए     हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।   15 अगस्त  1947 में    भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली।     आजादी के बाद     हमें अपने देश में हमारे सभी मूलभूत अधिकार मिल गए,      हमारी मातृभूमि हम सभी को जान से ज्यादा प्यारी है |       हमें  एक भारतीय होने पर गर्व महसूस करना चाहिए     और हमारे भाग्य की प्रशंसा करनी  चाहिए    कि हम स्वतंत्र भारत की भूमि पर रह रहे  हैं।         गुलाम भारत का इतिहास  बताता है कि हमारे पूर्वजों ने     बड़ी यातनाए सही      और अंग्रेजों के  क्रूर व्यवहार का सामना किया।    हम कल्पना भी  नहीं कर सकते    कि ब्रिटिश शासन से भारत को स्वतंत्रता मिलनी कितनी  मुश्किल थी।      यह आजादी  कई स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान     और 1857 से 1 9 47 तक      कई दशकों के संघर्ष का परिणाम है |       ब्रिटिश सेना में एक भारतीय सैनिक     मंगल पांडे ने     सबसे  पहले भारत की आजादी के लिए     अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई थी।      बाद में कई महान स्वतंत्रता सेनानी जुड़ते चले गए       और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपनी  जिंदगी दाव पर लगादी  ।    हम    भगत सिंह,    खुदी राम बोस       और चन्द्र शेखर आजाद के बलिदान को कभी  नहीं भूल सकते       जिन्होंने अपने देश के लिए    अपनी भरी जवानी में अपनी जान गंवा दी थी।       हम नेताजी और गांधीजी के संघर्षों को भी  कैसे अनदेखा कर सकते हैं।     गांधीजी वो  महान व्यक्ति थे    जिन्होंने भारतीयों को अहिंसा का  बड़ा सबक सिखाया था।     बहुत से भारत मा के लाडलो का ख़ून बहाने के बाद     लंबे  संघर्ष के परिणामस्वरुप     आखिर  15 अगस्त 1 9 47 को  हमें  आजादी मिली, |      हम  भाग्यशाली हैं कि हमारे पूर्वजों ने हमें     शांति  और खुशहाली वाला देश दिया है,     जहां हम बिना किसी भय के     स्वतंत्र जीवन का आनंद उठा रहे है ।     हमारा देश    प्रौद्योगिकी,    शिक्षा,     खेल,     वित्त     और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में बहुत तेजी से    विकास कर रहा है     जो आजादी के पहले लगभग असंभव था ।        भारत परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में से एक है     हम ओलंपिक,    राष्ट्रमंडल      और एशियाई जैसे खेलों में     सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।   भारत दुनिया में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश  है ,      और हमारे पास  इसी लोकतान्त्रिक तरीके से      सरकार चुनने का पूर्ण अधिकार हैं।
      हां, हम स्वतंत्र हैं और हमें  पूर्ण स्वतंत्रता है
लेकिन हमें अपने देश के प्रति     अपनी  जिम्मेदारियों से मुक्त नहीं होना चाहिए।     देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते,     हमें अपने देश में किसी भी आपातकालीन स्थिति को संभालने के लिए     हमेशा तैयार रहना चाहिए। 

 अंत में यही कहना चाहूंगी


ज़माने भर में मिलते है आशिक कई
मगर वतन से खुबसूरत कोई सनम नहीं होता |
मखमल में लिपट कर मरे है कई -2
मगर तिरंगे से खुबसूरत कोई कफ़न नहीं होता ||



 जय हिन्द